भ्रष्टाचार का लालच, विज्ञापनों पर रोक

भ्रष्टाचार से त्रस्त चीनी सरकार ने टीवी और रेडियो पर बेहद महंगी विलासितापूर्ण चीजों की भेंट देने को उत्साहित वाले तमाम विज्ञापनों पर रोक लगा दी है।

सरकार का यह कदम उसके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा है। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिशों के तहत सरकार तमाम तरह के पदों पर मौजूद लोगों से विलासितापूर्ण चीजों से दूर रहने को कह रही है।

दरअसल चीन का अपना सांस्कृतिक नया साल अगले सप्ताह आरंभ होने वाला है। आम तौर पर इस समय जिन लोगों को सरकार से अनुचित लाभ लेने होते हैं वो सत्ताधारियों और अधिकारियों को महंगी से महंगी भेंट देते हैं।

‘अनुचित सामाजिक मूल्य’
चीन में टीवी, रेडीयो और फिल्मों पर निगाह रखने वाली नियामक संस्था का कहना है कि कुछ चैनलों पर विज्ञापन लोगों को मंहगी भेंटे देने के लिए उकसाने वाले हैं।

चीनी सरकारी समाचार एजेन्सी शिन्हुआ ने नियामक संस्था के हवाले से कहा है कि इस तरह के विज्ञापनों से ‘अनुचित सामाजिक मूल्य’ को बढ़ावा मिलता है जिससे समाज पर बुरा असर पड़ता है।

नियामक संस्था के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने यह कदम सरकार की लोगों से लगातार सादगी भरा जीवन अपनाने की अपीलों के मद्देनजर किया गया है।

कम्युनिस्ट पार्टी के नए नेता शी जिनपिंग ने कई बार भ्रष्टाचार और वैभव के खुले प्रदर्शन पर लगाम लगाने की बात कही है। शी ने पार्टी और फौज के कार्यक्रमों में विलासिता पर भी पाबंदी लगा दी है।

संवेदनशील राजनितिक मुद्दा
नए प्रतिबंधों के साथ-साथ सरकार अमीरों और गरीबों के बढ़ती खाई को कम करने के कदम उठाने की बात भी कर रही है। यह मुद्दा चीन में अतिसंवेदनशील राजनितिक मुद्दा है।

सरकार की योजना 2015 तक देश में नून्यतम वेतन औसत शहरी वेतन के 40 फ़ीसदी के बराबर कर देने की योजना है। सरकार का कहना है कि आर्थिक खाई को पाटने के लिए सुधार करना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार समाज में बढ़ती असामनता को देश के राजनीतिक स्थायित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा मानती है।

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